आइपीएल खेलने वाला झारखंड का पहला आदिवासी क्रिकेटर बनेगा गुमला का रॉबिन मिंज
गुजरात टाइटंस ने रॉबिन के खेल को देखते हुए उस पर तीन करोड़ छह लाख रुपए की बोली लगाई और उसे अपने हाथ में ले लिया। अब रॉबिन क्रिकेट जगत पर अपना प्रभाव डालने के लिए तैयार है।
झारखंड का पहला आदिवासी क्रिकेटर, जो आइपीएल खेलेगा, गुमला जिले के रायडीह प्रखंड के सिलम पांदनटोली निवासी रॉबिन मिंज होगा। रॉबिन को गुजरात टाइटंस ने अपनी टीम में चुना है। उसके गांव में इससे खुशी है। उसके गांव को भी सरकारी सुविधाओं की कमी है। ग्रामीणों का अनुमान है कि गांव अब रॉबिन के नाम पर बदल जाएगा। रॉबिन को मुंबई इंडियंस के ट्रायल के लिए बुलाया गया था। उसने ट्रायल में हिस्सा लिया। गुजरात टाइटंस ने रॉबिन के खेल को देखते हुए उस पर तीन करोड़ छह लाख रुपए की बोली लगाई और उसे अपने हाथ में ले लिया। अब रॉबिन क्रिकेट जगत पर अपना प्रभाव डालने के लिए तैयार है। रॉबिन मिंज विकेटकीपर है। एमएस धौनी के समान लंबे छक्के मारता है। उसके पिता, फ्रांसिस जेवियर मिंज, एक रिटायर्ड मिलिट्रीमैन हैं, और माता, एलिस मिंज, एक घरेलू महिला हैं। दो बहनें हैं: रोसिता और करिश्मा मिंज। पूरा परिवार फिलहाल रांची के नामकुम में रहता है।
गुमला के छोटे से शहर से इस सुंदर क्रिकेट फॉर्मेट तक
झारखंड के छोटे से गांव गुमला से आईपीएल तक पहुंचने वाले पहले आदिवासी क्रिकेटर रॉबिन मिंज हैं। रॉबिन मिंज ने रांची में पढ़ाई की। बाघंबर ओहदार ने बताया कि रॉबिन के पिता फ्रांसिस जेवियर मिंज ने उसे क्रिकेट खेलने के लिए छोड़ दिया जब वह छोटा था। रॉबिन पिछले छह वर्षों से गुमला डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टीम में खेलते रहे हैं। गुमला डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव और पूर्व क्रिकेटर जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि रॉबिन एक गॉड गिफ्टेड प्लेयर है, उन्होंने कहा। यह पहले सीजन में ही विशिष्ट खिलाड़ी था। रॉबिन के पास जो है इस उम्र के बच्चों में वह दुर्लभ है।
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रॉबिन एक विस्फोटक बल्लेबाज है जो लंबे छक्के मारता है।
झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में हुए इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टूर्नामेंट में, उन्होंने कहा कि रॉबिन की विस्फोटक बल्लेबाजी ने कई बार हमें गौरवान्वित करने का अवसर दिया। रॉबिन ने पिछले पांच वर्षों में एक से अधिक पारियां बनाई हैं। उसने देवघर में दो सौ जमाए। दिल्ली टीम ने रॉबिन को पिछले आईपीएल में ही बुलाया था। दुर्भाग्यवश, वह तब दिल्ली की टीम में नहीं था। मुंबई इंडियंस ने ट्रायल में इंग्लैंड को बुलाया। रॉबिन को इससे भी अधिक खुशी हुई कि गुजरात ने उन्हें इस बार करोड़ों रुपये देकर अपनी टीम में शामिल होने का मौका दिया है।
गुमला स्टेडियम में अभ्यास करता है
रॉबिन शहीद तेलंगा खड़िया स्टेडियम में हर बार अभ्यास करता है। वह खेल सामग्री और अपना बैट लेकर ग्राउंड आया। तीन-चार घंटे तक निरंतर व्यायाम करता था। रॉबिन को गुमला के उसके साथी खिलाड़ी ज्ञान साहू और अंकित विश्वकर्मा ने अभ्यास में मदद की। गुमला में प्रशासन के साथ मित्रता मैच हुआ। रॉबिन भी इसमें खेला था। उस समय, उसने लंबे-लंबे छक्के मारकर सबको चौंका दिया। तेलंगा खड़िया ग्राउंड में अभ्यास करते समय, वह स्टेडियम से बाहर गेंद मारता था। ज्ञान और अंकित ने बताया कि गुमला में रॉबिन के चयन पर उत्सव मनाया जा रहा है। खिलाड़ियों ने उत्सव मनाया। एक दूसरे को मुस्कराया।
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गुमला गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है
रॉबिन मिंज का गांव पांदनटोली है, जैसा कि अंजय लकड़ा, अंकित लकड़ा, नवीन मिंज, अंकित कुजूर, जग्गू मिंज, सेवा मिंज और रोशन कुजूर ने बताया। 270 लोग 35 घरों में रहते हैं। दुर्भाग्यवश गांव में सिर्फ दो चापानल हैं। लंबे समय से दोनों चापानल खराब हैं। बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। चापानल जलमीनार से जुड़ा है, लेकिन पिछले दो साल से वह खराब हो गया है। गांव में 35 घरों में से सिर्फ 25 घरों में शौचालय हैं। किसी का इस्तेमाल नहीं होता। लोग खुले में खाते हैं। गांव में रहने वाले युवा लोगों ने कहा कि गांव में एक भी जमीन नहीं है। हर कोई खेतों में खेलता है। मैदान नहीं होने के कारण हम खेल नहीं कर पा रहे हैं। रॉबिन मिंज जैसे कई खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ जाएगी अगर प्रशासन यहाँ मैदान बना दे। ग्रामीणों ने बताया कि रॉबिन आज हमारे गांव की चर्चा में है। अब हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि हमारे गांव की हालत पर ध्यान दें और समस्या को हल करने का प्रयास करें।
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