Ranchi: शनिवार को HEC के दो कर्मचारियों का निधन हो गया। हटिया मजदूर लोक मंच के रामकुमार नायक ने बताया कि एफएफपी 05 शॉप में कार्यरत शाहदेव लोहरा की तबीयत अचानक खराब हो गई। वह पहले से ही मधुमेह और मधुमेह के मरीज थे। शनिवार को उनकी स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उनके परिवार ने उन्हें SSI अस्पताल ले गया। वहां से उन्हें रिम्स भेजा गया, जहां वे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी।
श्री नायक ने कहा कि 19 महीने का वेतन बकाया होने के कारण उनके पास पैसे नहीं थे। इसलिए वे सही इलाज नहीं पा रहे थे। उनके परिवार में तीन पुत्र हैं: एक पत्नी और तीन पुत्रियां। शनिवार को एचएमटीपी में काम कर रहे नंदू मुंडा का भी निधन हो गया। HIC सप्लाई संघर्ष समिति के मनोज पाठक ने बताया कि नंदू मुंडा धन की कमी से चिंतित थे। सही चिकित्सा नहीं मिलने से वे मर गए।
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शनिवार को SBI को एचईसी प्रबंधन द्वारा बकाया राशि भुगतान की गई। अब भी सप्लाई कर्मियों का इलाज होगा। एचइसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति के मनोज पाठक ने बताया कि शुक्रवार को सप्लाई कर्मियों ने प्रबंधन से चर्चा की थी। बाद में प्रबंधन ने एसआई मद में बकाया 74 लाख रुपये दिए।
शनिवार को प्रकाश कुमार की अध्यक्षता में समिति की बैठक एचएमटीपी गेट के सामने दिन के एक बजे से शुरू हुई। वक्ताओं ने कहा कि समिति पिछले तीन दिनों से एचइसी मुख्यालय और तीनों प्लांटों के गेट पर बैठक कर रही है, मजदूरों की मांगों को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए। ASI को प्रबंधन ने बकाया भुगतान किया है। साथ ही, 19 महीने का बकाया वेतन देने, कैंटीन या भत्ता देने, सीपीएफ लोन देने, स्थायी मजदूरों को प्रमोशन देने जैसी मांगों पर आंदोलन जारी रहेगा।

हटिया कामगार यूनियन के कार्यालय में दो अक्तूबर को 11 बजे समिति की बैठक होगी। लालदेव सिंह, रामकुमार नायक, हरेंद्र प्रसाद, गिरीश चंद्र चौहान, मनोज पाठक, प्रेम सागर साहू आदि मौके पर उपस्थित थे।
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प्रबंधन भी पीएफ अकाउंट में पैसे नहीं जमा कर रहा
एचआईसी कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों को पीएफ से लोन नहीं मिल रहा है, जबकि उनका वेतन 19 महीने से बकाया है। 200 से अधिक कर्मचारियों ने पीएफ लोन की मांग की है। एचआईसी के एक अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन कर्मियों का पीएफ भी नहीं जमा हो रहा है क्योंकि पैसे की कमी है।
HCI में वर्तमान में 2800 कर्मचारी हैं। प्रबंधन को पीएफ एकाउंट में 158 करोड़ रुपये जमा करने की आवश्यकता है। कम्पनी के पीएफ ट्रस्ट में एक जनवरी 2022 से जून 2023 तक 30 करोड़ रुपये नहीं जमा किए गए हैं। वहीं, 128 करोड़ पीएफ मद में पहले से बकाया है।