हजारीबाग के डाड़ी प्रखंड में 1 से 2 Class के बच्चों को स्कूल की पोशाक नहीं मिली
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशालय ने समग्र शिक्षा अभियान, हजारीबाग को जुलाई में पोशाक मद की राशि भेजी थी, लेकिन पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को स्कूल की पोशाक अभी तक नहीं मिली है।
डाड़ी प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पहली व दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान को धन देने के बाद भी स्कूल की पोशाक अभी तक नहीं मिली है। ठंड में छोटे बच्चों को बहुत परेशानी होती है। विपन्न बच्चों को स्वेटर के बिना स्कूल जाना पड़ रहा है। तीसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों को कुछ दिन पहले स्वयं सहायता समूह से स्कूल की पोशाक दी गई। हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने जिले में खराब पोशाक वितरण की शिकायत की है।
पिछले दिन, उन्होंने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करके मुख्य सचिव से लिखित शिकायत की थी। डाड़ी प्रखंड में 62 सरकारी विद्यालय हैं, जैसा कि मिली जानकारी है। 1343 बच्चों को पहली और दूसरी कक्षा में स्कूल की पोशाक दी जानी है। झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशालय ने समग्र शिक्षा अभियान, हजारीबाग को जुलाई में पोशाक मद की राशि भेजी थी, लेकिन पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को स्कूली पोशाक अभी तक नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार, पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को स्कूल की पोशाक देने का काम शिक्षा विभाग ने अब शुरू कर दिया है।
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कुछ दिन पहले, मार्शल प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति, चुरचू, ने तीसरी से आठवीं कक्षा के 4585 बच्चों को दो सेट स्कूली पोशाक, एक स्वेटर, जूता और मोजा उपलब्ध कराया। 31 लाख आठ हजार 600 रुपये इस पर खर्च किए गए हैं। तीसरी से पांचवीं कक्षा के प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 600 रुपये और छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 760 रुपये खर्च किए गए हैं। पोशाक को लेकर प्रखंड के कुछ शिक्षकों से बहुत सी शिकायतें मिल रही हैं। शिक्षकों ने बीपीएम और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी है।
ठंड में बच्चों को परेशानी
डाड़ी प्रखंड के शिक्षकों का कहना है कि पहली व दूसरी कक्षा के बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल आते हैं। ठंड में उन्हें कठिनाई होती है। ठंड का आधा मौसम खत्म हो गया है। विभाग ही स्वेटर उन्हें कब मिलेगा। हजारीबाग जिला शिक्षा अधीक्षक संतोष गुप्ता ने बताया कि पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को 10-15 दिनों में स्वयं सहायता समूह से स्कूल की पोशाक दी जाएगी। यह काम शुरू हो गया है। उनका कहना था कि तीसरी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को कुछ दिन पहले स्कूल की पोशाक दी गई है।
टेंडर के बिना कपड़े वितरित किए गए
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि जिला में स्कूलों को पोशाक बिना टेंडर के ही दी गई है। लोहरदगा के प्रगति महिला उत्पादक समूह और चुरचू के मार्शल प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति ने स्कूलों को कम गुणवत्ता की स्कूली पोशाक दी है। 12 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, उन्होंने कहा। इसमें दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई है।
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