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गुमला के शहीद ऑस्कर टोप्पो का गांव पकरीटोली विकास से तरस रहा है

शहीद गांव विकास योजनाओं से परेशान है। शहीद की भाभी जयंती टोप्पो ने बताया कि पूरा परिवार रांची में रहता है। शहीद का भाई, मैं और दो भतीजा अभी गांव के एक छोटे से खपरैल घर में रहते हैं।

1999 में गुमला जिला के डुमरी प्रखंड के अकासी पकरीटोली निवासी बिहार पुलिस के हवलदार ऑस्कर टोप्पो बारेसाढ़ में हुए उग्रवादी हमले में मारा गया था। शहीद का गांव होने के बावजूद, यह लंबे समय से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार हो चुका है। इस गांव के सात लोगों ने अपनी जान दी है। एक गांव में इतने लोगों की मृत्यु होने के बावजूद उसका विकास नहीं होना प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कमजोरी का संकेत है। इस गांव को अभी भी कोई रहनुमा चाहिए। गांव तक कच्ची सड़क है। गांव में पीसीसी, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, नाली और अन्य विकास योजनाओं की कमी है।

शहीद गांव विकास योजनाओं से परेशान है। शहीद की भाभी जयंती टोप्पो ने बताया कि पूरा परिवार रांची में रहता है। शहीद का भाई, मैं और दो भतीजा अभी गांव के कच्चे खपरैल घर में रहते हैं। घर की स्थिति खराब है। हमारे पास काम के नाम पर सिर्फ खेती है। जब आपको कुछ काम मिलता है, तो आप मजदूरी करते हैं; अगर नहीं मिलता, तो कोई दूसरा काम नहीं मिलता। कभी-कभी घर खर्च और अन्य सामान खरीदने के लिए धान बिक्री करते हैं। टूटे हुए घर में रहते हैं। रहने के लिए सुरक्षित जगह और काम की जरूरत है।

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पकरीटोली गांव के आठ युवा शहीद हो गए हैं:

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गुमला के शहीद ऑस्कर टोप्पो का गांव पकरीटोली विकास से तरस रहा है 3

ग्राम के जुस्टीन लकड़ा, क्लेस्टिनियुस लकड़ा, अमदियुस किंडो, रोमानुस कुजूर ने बताया कि ऑस्कर टोप्पो के अलावा प्रेम लकड़ा, इलेक्सियुस टोप्पो, पीटर एक्का, थेदोर एक्का, विपिन टोप्पो, कल्याण टोप्पो, क्लेमेंट लकड़ा भी शहीद हुए हैं। सभी लोग अलग-अलग सुरक्षा विभाग में काम करते थे और अलग-अलग घटना में मारे गए। इसमें कोई काम करते हुए, कोई काम पर जाते हुए या घर लौटते हुए शहीद हुआ है। इन सभी परिवारों का घर दयनीय है।

शहीदों का हर परिवार खेती पर निर्भर है। खेती-बारी परिवार का एकमात्र काम है। गांव में इतने लोगों की शहादत होने के बावजूद, जिला और प्रखंड प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस गांव को विकसित करने में कोई रुचि नहीं है। शहीद परिवारों और गांवों को सरकारी कार्यक्रमों से लाभ मिलना चाहिए। शहीदों की स्मृति में गांव में पक्की सड़क, सामुदायिक भवन, बिजली, पानी, पीसीसी, नाली, शौचालय और रोजगार की सुविधाएं बनाई जाएंगी।

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Devkundan Mehta

मेरा नाम देवकुंदन मेहता हैं, मैं झारखण्ड राज्य का निवासी हूँ। मैं एक Content Writer, Creator, Editor और Student हूँ। यहाँ JoharUpdates पर अपनी लिखने की कला को प्रदर्शित करने के लिए पार्ट टाइम न्यूज़ लिखता हूँ। मैं कोडरमा जिले का निवासी हूँ इसलिए अपने आस-पास के जिलों के न्यूज़ को कवर करता हूँ। मझे न्यूज़ भेजने या मुझसे जुड़ने के लिए आप मुझे मेरे ईमेल "dkdevkundan@gmail.com" पर ईमेल कर सकते है।

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