ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिससे मेरी गर्भवती बहू मर गई। इसके अलावा दो और महिलाएं भी मर चुकी हैं। विधानसभा सदस्य प्रशांता देवी ने कहा कि बरसात में गांव पूरी तरह से टापू बन जाता है।
यह गांव चैनपुर प्रखंड की छिछवानी पंचायत में विकसित होने से बहुत दूर है। इस गांव तक जाने वाली सड़क पर्याप्त नहीं है। दो पहिया वाहन सड़क पर कीचड़ में फंस जाते हैं। ऐसे में गांव तक चार पहिया वाहन ले जाना मुश्किल है। यही कारण था कि एक साल पहले चचाली गांव की तीन महिलाएं इलाज के अभाव में मर गईं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव अभी तक विकसित नहीं हुआ है। आज भी ग्रामीण विकास योजनाओं की कमी है।
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ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिससे मेरी गर्भवती बहू मर गई। इसके अलावा दो और महिलाएं भी मर चुकी हैं। वार्ड सदस्य प्रशांता देवी ने कहा कि यह गांव बरसात में टापू में बदल जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने से बरसात में गांव तक कोई गाड़ी नहीं आ सकती। ग्रामीण लोग बीमार होने पर मरीज को अस्पताल ले जाते हैं। जो मरीज समय पर अस्पताल पहुंचता है, उसकी जान बचती है।
मरीज मर जाता है अगर वह नहीं आता। प्रखंड प्रशासन को इस संबंध में कई बार लिखित आवेदन भेजा गया है, लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। विद्यार्थियों ने कहा कि स्कूल जाने के क्रम में कपड़े गंदे होने पर घर वापस आना होगा। यहां से पैदल स्कूल जाना असंभव है। ग्रामीणों ने कहा कि नेता बस वोट मांगने आते हैं। Voting के बाद, वे स्थानीय लोगों की समस्याओं को भूल जाते हैं।