देवघर में इंस्पेक्टर के नाम पर बांका में वर्षों से शिक्षक की नौकरी कर रहा था शख्स, ऐसे हुआ खुलासा
देवघर में एक व्यक्ति के नाम पर दो अलग-अलग स्थानों पर दो नौकरी करने का मामला सामने आया है। बिहार के बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जानुकिता सीताचक में मनोज कुमार नामक शिक्षक सदर अंचल देवघर में कार्यरत था।
देवघर में एक ही व्यक्ति के नाम पर दो अलग-अलग लोगों की नौकरी की शिकायत हुई है। बिहार के बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जानुकिता सीताचक में मनोज कुमार नामक शिक्षक सदर अंचल देवघर में कार्यरत हैं। एसबीआई बांका में ई-केवाइसी अपडेट करते समय यह पता चला। 26 सितंबर को, एसबीआई बांका के सर्विस मैनेजर ने सदर इंस्पेक्टर मनोज कुमार को फोन कर मामले को संदिग्ध बताया।
29 सितंबर को सदर इंस्पेक्टर ने बांका एसबीआई पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। उस स्थान से लौटने के बाद, दो अक्तूबर को इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने मोहनपुर थाने में फर्जी तरीके से धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें अपने नाम से कथित मनोज कुमार को शिक्षक पद पर नियुक्त किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि मनोज कुमार, एक कथित शिक्षक, वर्षों से उनके नाम से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं। माना जाता है कि मनोज कुमार मूल रूप से सरोतिया रोड सत्संग नगर गोड्डा में रहते हैं और बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जानुकिता सीताचक में शिक्षक हैं।
इंस्पेक्टर मनोज कुमार के पेन कार्ड का इस्तेमाल हो रहा था
प्राथमिकी में इंस्पेक्टर मनोज कुमार के पेन कार्ड और मोबाइल नंबर का उपयोग बैंक सहित अन्य निकायों में करने का आरोप लगाया गया है। इंस्पेक्टर मनोज मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले के नाथनगर के निवासी हैं, लेकिन उनका पता मुंगेर जिले के असरगंज थाना क्षेत्र का जलालाबाद गांव है। सदर अंचल देवघर में वे पुलिस इंस्पेक्टर हैं। 26 सितंबर, ड्यूटी के दौरान सर्विस मैनेजर ने बताया कि मनोज कुमार नाम का व्यक्ति खाते में ई-केवाईसी अपडेट कराने आया था, जो संदिग्ध लगता था। उन्हें एसबीआई बांका मुख्य शाखा में जाकर पुष्टि करने को कहा गया। इंस्पेक्टर मनोज ने सर्विस मैनेजर को बताया कि उनका एसबीआई बांका में कोई खाता नहीं है, लेकिन वे आदेश लेकर पहुंचेंगे।
पेन कार्ड में नाम वही है, लेकिन चित्र और हस्ताक्षर अलग हैं
29 सितंबर को एसबीआई के इंस्पेक्टर मनोज बांका पहुंचे. उन्होंने सर्विस मैनेजर और शाखा प्रबंधक से मुलाकात करके केवाइसी की छायाप्रति देने का अनुरोध पत्र दिया। कथित मनोज कुमार की केवाइसी की छायाप्रति मिली। परीक्षण से पता चला कि उनका नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम और पेन नंबर पेनकार्ड पर हैं। लेकिन कार्ड पर हस्ताक्षर और चित्र उनके नहीं हैं। उन्हें आरोप लगाया गया है कि उनके नाम का पूरा पेन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर एसबीआई बांका मुख्य शाखा में खाता खोला गया है। बांका डीआईओ ने बताया कि मनोज कुमार बाराहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जानुकिता सीताचक में सरकारी शिक्षक हैं और उनके नाम के फर्जी पेन कार्ड और आधार कार्ड बनकाकर एसबीआई बांका में खाता खोला है। इंस्पेक्टर मनोज ने प्राथमिकी में कहा कि लगता है कि उनके नाम का फर्जी पेन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर एसबीआई बांका में एकाउंट खोलने वाले कथित मनोज कुमार उनके ही नाम से शिक्षक की फर्जी नौकरी कर रहे हैं।
1994 में इंस्पेक्टर मनोज कुमार का चयन शिक्षक परीक्षा में हुआ
इंस्पेक्टर मनोज ने प्राथमिकी में बताया कि बीपीएसपी द्वारा 1994 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में उनका चयन हुआ था। साथ ही, बीपीएससी ने 1994 में एसआई की परीक्षा में भी उनकी नियुक्ति की। बाद में उन्होंने शिक्षक के रूप में काम नहीं किया। प्रतीत होता है कि उनके द्वारा छोड़े गए शिक्षक के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति, शायद जिला शिक्षा कर्मचारी या पदाधिकारी के साथ मिलकर किसी स्कूल में फर्जी योगदान करवाया गया है। थाना प्रभारी से मामले में अपने नाम से फर्जी तरीके से काम करने वाले व्यक्ति को चिह्नित कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। मोहनपुर थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप ने इंस्पेक्टर मनोज की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और खुद की जांच शुरू कर दी है।
2017 से ही इंस्पेक्टर मनोज कुमार को इसकी जानकारी थी
प्राथमिकी में सदर इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि मनोज कुमार को 2017 से बांका जिले में उनके नाम से शिक्षक की नौकरी मिली है। 28 मार्च 2017, उन्होंने बांका डीइओ को इस संबंध में आवेदन दिया। इसके बावजूद, कथित मनोज कुमार अद्यतन सेवा शिक्षा विभाग में उसी पद पर उनके नाम से काम करता आ रहा है। इंस्पेक्टर मनोज ने 28 मार्च 2017 को बांका डीआईओ को भेजे गए पत्र की छायाप्रति भी मोहनपुर थाना प्रभारी को भेजी।