Ranchi: CM हेमंत सोरेन ने ED के समन के खिलाफ दायर याचिका पर आज झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई की। वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और पीयूष चित्रेश ने सीएम की ओर से हाइब्रिड मोड में हुई सुनवाई में पक्ष रखा।
ASG (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) एसवी राजू ने ED की ओर से बहस की। मुख्य जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने सीएम हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दी।
- Advertisement -
सीएन ने समन पहले ही उल्लंघित कर दिया, इसलिए चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं
ईडी ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि सीएम ने पहले से ही समन उल्लंघन किया है। वे ED में किसी भी समय उपस्थित नहीं हुए। यही कारण है कि उनका समय व्यर्थ है। इसलिए राहत नहीं दी जा सकती। मुख्यमंत्री के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। ऐसे में ED उन्हें समन देना उचित नहीं है।
एजेंसी को समन लेने का अधिकार और बयान लेने का अधिकार—ED

ईडी ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा 50 और 60 को आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में विजय मदन लाल चौधरी के मामले में खारिज कर दिया है। इसके तहत संस्था समन और बयान लेने का अधिकार रखती है। यही कारण है कि हाई कोर्ट इस मामले में कोई निर्णय नहीं दे सकता।
CM 23 सितंबर को हाईकोर्ट गया था
ध्यान दें कि हेमंत सोरेन ने 23 सितंबर को ED के समन के खिलाफ हाइकोर्ट की शरण ली। मुख्यमंत्री ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर ED की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में सीएम ने ED का अधिकार भी चुनौती दिया था। मुख्यमंत्री ने पहले भी ED के समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।