Hazaribagh news :कैनेरी हिल में पिकनिक स्पॉट, प्राकृतिक का विहंगम दृश्य
हजारीबाग: प्रकृति ने अपने हाथों से शहर को बनाया और बचाया है। आज, राज्य भर में कई प्राकृतिक स्थानों को पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। कैनेरी पहाड़ी पिकनिक शहर के उत्तरी पूर्वी भाग में है, जहां हजारों लोग नए वर्ष का स्वागत करने आते हैं।
जंगल की हरी वादियों में सैलानी जाते हैं, जहां वे आराम और शान्ति पाते हैं। जिला और राज्य भर खुश हैं कि कैनेरी हिल को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों ने भी इसके लिए धन दिया है। NHC बायपास से जगदीशपुर जाने वाली सड़क के बायीं ओर एक नगर वन बनाया जा रहा है। पूर्वी वन प्रमंडल ने हजारीबाग शहर को नए वर्ष 2024 का तोहफा दिया है।
केंद्र सरकार ने नगर वन को विकसित किया। नगर वन का अर्थ है शहर के आसपास के वन क्षेत्र को विकसित करना ताकि शहरवासी वहाँ जाकर प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें। कनहरी पहाड़ी के शीर्ष तक जाने वाली सीढ़ी को राज्य योजना और केंद्र सरकार से मिली राशि से बनाया गया है। नए गजीबो, सीटिंग बेंच और सेल्फी स्पेस बनाए गए हैं। पुराने सामान की मरम्मत हुई है। पहाड़ी के ऊपर जाने वाली सड़क पर सुस्ताने के लिए सीट बाहर लगाई गई हैं।
पूर्वी वन प्रमंडल के डीएफओ सौरभ चंद्र ने बताया कि कैनेरी हिल क्षेत्र दो हिस्सों में विकसित हो रहा है। शहरवासी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए पहला नगर वन बनाया जा रहा है। दूसरी ओर, अब तक कन्हरी क्षेत्र को इको टूरिज्म के लिए विकसित किया गया है। यहाँ भी इसका स्वागत है।
डीएफओ सौरभ चंद्र ने आम लोगों से अपील की कि इस क्षेत्र को प्रदूषित न करें, क्योंकि नए साल पर बहुत से लोग पिकनिक बनाने आएंगे। वह कूड़ा एक जगह जमा करें और उसे डिस्पोज किया जा सके। भविष्य में कैनेरी क्षेत्र के जीव-जंतुओं और पौधों से लोगों को परिचित कराने के लिए प्रकृति व्याख्या केंद्र (एनआईसी) बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसमें जानवरों और पेड़ों की जानकारी होगी। इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए अन्य विभागों से भी समन्वय हो रहा है।
हजारीबाग गजेटियर में भी है: पृष्ठ तीन में कैनेरी पहाड़ का वर्णन है। समुद्र तल से लगभग दो हजार फीट उंचे पर्वत से पूरे शहर और आसपास का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। पहाड़ी पर गुंबद है। यहाँ 586 सीढ़ियां हैं। जबकि वन विभाग के गेस्ट हाउस के बगल में वॉच टावर बना है।
कैनेरी पहाड़ी आंचलिक कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानियों में चर्चा होती है। जिस स्थान पर कोर्रा और बाबूगांव होते थे, रेणु पहाड़ी के ऊपर चढ़ते थे। रविंद्र नाथ टैगोर ने भी कैनेरी पहाड़ी की खूबसूरती की प्रशंसा की थी, ऐसा कहते हैं।
Also read : तांतनगर : ठेकेदार ने जिप सदस्य को दी धमकी, जान से मारने की