भाजपा कार्यकर्ता आज हेमंत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
श्री यादव ने कहा कि प्रदर्शन 21 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर होगा। प्रदर्शन के माध्यम से जिला मुख्यालय पर हेमंत सोरेन सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करेंगे।
जिलाध्यक्ष भरत यादव ने बुधवार को भाजपा जिला कार्यालय सेक्टर-01 में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। श्री यादव ने कहा कि प्रदर्शन 21 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर होगा। प्रदर्शन के माध्यम से जिला मुख्यालय पर हेमंत सोरेन सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करेंगे। राज्यपाल के नाम पत्र जिला उपायुक्त को भेजा जाएगा। हजारों कर्मचारी शामिल होंगे। बताया कि सुशासन दिवस 25 दिसंबर को स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर मनाया जाएगा। बूथ से जिला तक कार्यक्रम की रुपरेखा बनाई गई। उस समय दिलीप श्रीवास्तव, कमलेश राय, अनिल स्वर्णकार, लीला देवी, अर्चना सिंह, डॉ. परिंदा सिंह, सुरेंद्र राज, अशोक कुमार पप्पू, गौर रजवार, जयनारायण मरांडी, माथुर मंडल, विनय आनंद, महेंद्र राय, विश्वनाथ दत्ता, राघवेंद्र उपाध्याय, मुकेश राय, विनोद महतो, रामलाल सोरेन, भैरव महतो आदि लोग उपस्थित थे।
जरीडीह प्रखंड के उत्क्रमित हिंदी मध्य विद्यालय का मामला: स्कूल के दोनों चापाकल खराब हैं, बच्चे पानी के लिए भटकते हैं
Also Read: अंग्रेज के मनोरंजन के लिए इस हॉल में दिखाई जाती थी फिल्में, आज है ऐतिहासिक धरोहर
सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन कुछ व्यवस्थागत समस्याओं के कारण सरकार की योजनाएं पूरी तरह से काम नहीं कर रही हैं। ऐसा ही एक मामला जरीडीह प्रखंड के बारू स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय (हिंदी) का है, जहां बच्चों को पानी के लिए 12 दिनों से इधर-उधर भटकना पड़ रहा है क्योंकि चापाकल खराब हो गया है। इस विद्यालय में 250 बच्चे नामांकित हैं, 170 बालक और 130 बालिकाएं हैं। विद्यालय में दो चापाकल हैं, लेकिन एक तकनीकी समस्या के कारण वे भी खराब हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालय में नामांकित बच्चे आसपास के घरों से पानी लाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
एमडीएम बनाने में रसोइयों को भी चुनौती मिलती है
स्कूलों में पेयजल की कमी हो गई है। एमडीएम बनाने में रसोइया बहुत मुश्किल से काम कर रहे हैं। रसोइया गाँव के चापाकल से पानी लाकर भोजन बना रही है। विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजकुमार झा ने बताया कि पेयजल विभाग और शिक्षा विभाग दोनों को चापाकल की खराब हालत की सूचना दी गई है। पानी की किल्लत से बच्चों और शिक्षकों को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक किसी ने इसका पता नहीं लगाया है।
बच्चों को स्कूल से बाहर पानी के लिए जाना
विद्यालय की प्रधानाध्यापक रजिया ने बताया कि दोनों चापाकल खराब हैं, इसलिए बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल के बाहर लगे चापाकल पर जाना पड़ता है। वहीं बच्चों का कहना है कि वे घर से पीने का पानी लाते हैं और मध्याह्न भोजन के बाद गांव की ओर थाली धोने दौड़ते हैं।
Also Read: विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में विश्व स्तर पर डंका बजा रहे कसमार के डॉ विकास