Ranchi

अपने ही जनजातीय नेताओं को अपमानित किया, भाजपा ने जनजातीय गौरव दिवस पर

Ranchi: झारखंड में भाजपा ने जनजातीय गौरव दिवस पर अपने ही जनजातीय नेताओं की उपेक्षा की। भाजपा के प्रमुख आदिवासी नेताओं को खूंटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अगली-पिछली पंक्ति में भी जगह नहीं मिली। पार्टी ने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव और एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव को भी पास नहीं दिया। इतना ही नहीं, इनका नाम अंदर जाने वाले नेताओं की सूची में भी नहीं था।

दोनों नेताओं को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही बाहर ही रोक दिया गया। वे करीब पंद्रह मिनट तक बाहर रहे। दोनों नेताओं को नोकझोंक के बाद अंदर से बुलाया गया। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर, एसटी मोर्चा के प्रभारी रामकुमार पाहन और सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक, सहित सैकड़ों आदिवासी नेता, जो गांव-गांव घूमकर मोदी की सभा में शामिल होने के लिए लाए थे, बिना किसी पास के दर्शकों की भीड़ में खड़े होते देखा गया।

आदिवासी जनता को अच्छा संदेश नहीं मिला

प्रदेश भाजपा के सभी आदिवासी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अपनी उपेक्षा से दुखी हैं। प्रदेश नेतृत्व के मिस मैनेजमेंट से वे बहुत नाराज हैं। आदिवासी नेताओं ने कहा कि प्रदेश के उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने पास सहित अन्य महत्वपूर्ण कामों को पूरा करना था। प्रदेश के अदिवासी नेताओं की उपेक्षा से अदिवासी जनता को बुरा सन्देश नहीं गया है, चाहे वह भूल हुई हो या जानबूझकर ऐसा किया हो।

अपने ही जनजातीय नेताओं को अपमानित किया
अपने ही जनजातीय नेताओं को अपमानित किया, भाजपा ने जनजातीय गौरव दिवस पर 3

अपनी सभा में नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के अधिकार, विकास और सम्मान पर चर्चा की। आदिवासी लोगों की भावनाओं को समझने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व सांसद कड़िया मुंडा, नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा जैसे आदिवासी नेताओं की उपस्थिति झारखंड में आदिवासियों की शक्ति की मिसाल पेश कर रही थी, लेकिन पार्टी के अपने ही नेताओं की मंच पर और बाहर उपेक्षा हो रही थी।

मोदी ने बाबूलाल मरांडी को अपने परम मित्र बताकर क्या सन्देश दिया

अपनी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बाबूलाल मरांडी को बहुत प्यार से बुलाया और भाषण देते समय उन्हें अपना परम मित्र बताया। मोदी ने बाबूलाल मरांडी को अपना निकट मित्र बताकर लोगों को बताने की कोशिश की है कि बाबूलाल झारखंड में भाजपा का सबसे बड़ा आदिवासी नेता हैं और वह झारखंड के अलग मुख्यमंत्री पद का दावा कर सकते हैं। 2014 में मोदी ने जमशेदपुर के गोपाल मैदान में विधायक सरयू राय को अपना दोस्त बताया था. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में मोदी ने अपने दोस्त को भूल गया, जिससे सरयू राय को भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ना पड़ा।

Tannu Chandra

मैं Tannu Chandra, मुझे ऑटोमोबाइल "बाइक्स" में पिछले 3 वर्षो का अनुभव है, मुझे बाइक्स और गाड़िओ का ब्लॉग लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं India07.com में एक राइटर के रूप में काम कर रही हूँ और बचे समय में Joharupdates के लिए अपने आस-पास के न्यूज़ को भी साझा कर देती हूँ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button