हेमंत सरकार गरीबों को तीन कमरे का मकान देगी
31 मार्च 2024 तक दो लाख लोगों को आवास मिलेगा, 3 साल में 4106.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे, राज्य सरकार 16 हजार से 8 लाख बेघरों को घर देगी, झारखंड स्थापना दिवस से शुरू होगी योजना, गरीबों को छत मिलेगी।
Ranchi: झारखंड में अबुआ आवास योजना का लाभ देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने एक पोर्टल बनाया है। जैप आईटी ने इसे बनाया है। राज्य सरकार अपनी निधि से अगले तीन वर्षों में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करके जरूरतमंद लोगों को घर देगी।
राज्य में कच्चे मकान में रह रहे सभी लोग अबूआ आवास योजना के पात्र होंगे। योजना के लाभुकों का चुनाव राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर से शुरू होगा। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023–24 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में नए घरों की अनुमति नहीं दी है।
राज्य और केंद्र सरकार ने भी इस विषय पर कई बार चर्चा की। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 प्रतिशत का वित्तीय योगदान दिया था। 2023-24 में राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना के तहत अपने पैसे से दो लाख परिवारों को घर देने का फैसला किया है।
सरकार घर बनाने के लिए दो लाख देगी
राज्य सरकार प्रत्येक तीन कमरे के घर के लिए अबूआ आवास योजना के तहत दो लाख रुपये देगी। 31 मार्च 2024 तक इस वित्तीय वर्ष में भी दो लाख घर स्वीकृत होंगे। इसमें लगभग 4106.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3,50,000 घरों की स्वीकृति दी जाएगी, जिस पर 7106.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
वहीं, 2025 से 26 तक 2,50,000 घरों की स्वीकृति होगी, जिन पर 5106.96 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानी अगले तीन वर्षों में लगभग 16 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ग्रामीण विकास विभाग सॉफ्टवेयर बनाएगा।
ग्रामीण विकास विभाग ने अबूआ आवास योजना के लाभुकों को चुनने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया है। ग्रामसभा की सलाह के बाद इसी सॉफ्टवेयर से लाभुकों का चयन किया जाना है। आपकी योजना, आपकी सरकार और आपके द्वार कार्यक्रम से योग्य लाभुकों का आवेदन लिया जाएगा।
इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर बनाए जाएंगे, जहां लोगों से विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के लिए आवेदन लिया जाएगा। निर्धारित समय में पूरा होगा।
8 वर्षों में सरकार ने 8294.21 करोड़ रुपये खर्च किए
2016-17 से 23-24 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 लाख 82 हजार घर स्वीकृत किए गए। राज्य सरकार ने इसके लिए 8294.21 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्र संपोषित इस योजना में राज्य सरकार को राज्य बजट से 40% हिस्सा लेना होगा।