मिशन 2024: झामुमो पर अब कांग्रेस का दबाव
Ranchi : ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत देश के सभी विपक्षी दलों के चुनाव लड़ने के घोषणा के बीच, अब झारखंड में गठबंधन दल के नेता चुनाव से पहले अपनी-अपनी शक्ति का आकलन कर रहे हैं। पहले, झामुमो ने कांग्रेस पर दबाव डाला कि वह झारखंड में बड़े भाई की भूमिका में है, इसलिए पिछले लोकसभा चुनावों के आधार पर सीट नहीं बाँटेंगे।
झामुमो इस बार लोकसभा में सिर्फ चार सीट नहीं चाहेगा, बल्कि कम से कम सात सीट पर दावेदारी करेगा। झामुमो ने इस दावे के बाद कांग्रेस भी दबाव डालना शुरू कर दिया है। इसके लिए, कांग्रेस ने सभी संयोजकों और प्रभारियों की घोषणा करके पूरी तरह से तैयार होने का संकेत दिया है।
झारखंड में भी कांग्रेस बहुत कम सीटों पर विश्वास नहीं करेगी। कांग्रेस का कहना है कि यह प्रभारी बनाया गया है, इसका मतलब सीट की दावेदारी नहीं है। पार्टी ने अपनी सांगठनिक योजना पर काम शुरू किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह सभी 14 सीटों पर तैयार है।
पार्टी ने राजमहल लोकसभा में प्रभारी-संयोजक मणिशंकर और प्रभारी प्रदीप यादव को सभी चौबीस सीटों के लिए नियुक्त किया है।
दुमका लोकसभा- संयोजक सुलतान अहमद, प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह.
गोड्डा लोकसभा – संयोजक केएन झा, प्रभारी आलमगीर आलम.
चतरा लोकसभा -संयोजक जयशंकर पाठक, प्रभारी धीरज प्रसाद साहु.
कोडरमा लोकसभा- संयोजक अनवर अंसारी, प्रभारी बादल पत्रलेख.
गिरिडीह लोकसभा- संयोजक ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रभारी शहजादा अनवर.
धनबाद लोकसभा- संयोजक अजय दुबे, प्रभारी जलेश्वर महतो एवं बन्ना गुप्ता.
रांची लोकसभा – संयोजक अनादि ब्रह्म एवं केशव महतो कमलेश, प्रभारी सुबोधकांत सहाय.
जमशेदपुर लोकसभा – संयोजक रमा खलखो, प्रभारी डॉ. अजय कुमार.
सिंहभूम लोकसभा – संयोजक डीएन चांपिया, प्रभारी गीता कोड़ा.
खूंटी लोकसभा – संयोजक कालीचरण मुंडा, प्रभारी बंधु तिर्की.
लोहरदगा लोकसभा – संयोजक प्रदीप तुलस्यान, प्रभारी सुखदेव भगत.
पलामू लोकसभा – संयोजक भीम कुमार, प्रभारी डा. रामेश्वर उरांव,
हजारीबाग लोकसभा- संयोजक अशोक चौधरी, प्रभारी डॉ प्रदीप बलमुचू.
प्रभारी-संयोजकों को दिया गया होमवर्क
कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के निर्देश पर यह जिम्मेवारी तय गयी है. इसके तहत नेताओं को लोकसभा चुनाव तैयारी को लेकर होमवर्क भी दिया गया है. इन्हें अगले तीन महीने के अंदर विस्तृत काम करके रिपोर्ट आलाकमान को सौंपना है. पार्टी के अनुसार यह मनोनयन पार्टी एवं गठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य किया गया है, मगर इसके पीछे की मंशा आनेवाले लोकसभा चुनाव की तैयारी है.
ये प्रभारी और संयोजक लोकसभा क्षेत्रवार स्थानीय एवं प्रमुख मुद्दों को प्रमुखता से सर्वे करेंगे जिसमें स्थानीय, राष्ट्रीय मुद्दे और पार्टी-संगठन की स्थिति पर विस्त़ृत प्रतिवेदन तैयार करेंगे. दीपिका पांडेय, जो गोड्डा और गिरिडीह से ताल ठोंक रही हैं, मगर उन्हें इन दोनों सीट के बदले दुमका का प्रभारी बना दिया गया है. यानि कि सभी दावेदारों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा.
संगठन और इंडिया गठबंधन को मजबूत करना है
इंडिया गठबंधन के तहत किस राज्य में कौन, कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा. यह नेतृत्व तय करेगा. मगर हर पार्टी अपनी तैयारी करती है. कांग्रेस भी कर रही है. पार्टी ने यह मनोनयन हर दृष्टिकोण से किया है. चाहे कोई किसी भी सीट से लड़े. हमारा उद्देश्य पार्टी संगठन और इंडिया गठबंधन को मजबूत करना है. हां राजनीतिक हिसाब से इसके अलग-अलग मायने लगाए जा सकते हैं.