Hazaribagh News: जमीन के दलाल हुए शातिर, जमीन की कीमतों में किया इजाफा
Hazaribagh: पिछले कुछ वर्षों में हज़ारीबाग़ जिले के हर ब्लॉक और उसके अंतर्गत आने वाले गाँवों में ज़मीन दलाली का कारोबार बढ़ गया है। इस कार्य में भाग लेने के लिए किसी निवेश की आवश्यकता नहीं है। आपके अंदर झूठ बोलने की कला आनी चाहिए। कारोबार तेजी से बढ़ेगा और करोड़ों का मुनाफा होगा।
यही कारण है कि हज़ारीबाग़ में ज़मीन दलाली के इस धंधे में बड़े पैमाने पर युवा ही नहीं बल्कि अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल हो रहे हैं। यही कारण है कि इन दलालों ने धीरे-धीरे हजारीबाग में जमीन की कीमत इतनी बढ़ा दी है कि आम लोगों ने शहर या गांव में जमीन खरीदकर घर बनाने का सपना ही छोड़ दिया है। दस साल पहले गांवों में जमीन 10 हजार रुपये प्रति किलोमीटर बिकती थी। आज 10 से 15 लाख रुपये प्रति किलोमीटर बिकती है। हाल ही में शहर में एक एकड़ जमीन 15 से 20 लाख रुपये में बिकी थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शून्य निवेश से शुरू हुए इस जमीन दलाली के कारोबार से होने वाले मुनाफे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कल तक ये दलाल पैदल या बाइक से घूमते थे। लेकिन आज वे स्कॉर्पियो, फॉर्च्यूनर और सफारी चला रहे हैं। जिले में जमीन दलाली के इस धंधे में आम युवाओं के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इस काम में टीम का हर कर्मचारी भरपूर योगदान देता है।
जिले में जमीन दलाली का कारोबार हर साल 80 अरब रुपये से अधिक हो गया है। इससे पता चलता है कि जमीन दलाली का कारोबार आज किस स्तर पर पहुंच गया है। ये दावा हम सरकारी दस्तावेज़ों से नहीं कर रहे हैं। रजिस्ट्री कार्यालय के दस्तावेज बताते हैं कि इन दलालों ने पिछले साल 80 अरब रुपये की जमीन खरीदी है। इसे पूरे जिले में लागू कर दिया गया है। इस आंकड़े के अलावा, पंजीकरण कार्यालय के सिक्के का एक और पहलू भी है। रजिस्ट्री में जिस जमीन की कीमत बीस से पचास हजार रुपये प्रति कट्ठा अंकित है। वास्तव में वह दो से तीन गुना अधिक है और उनकी खरीद-बिक्री में यह कीमत दो से तीन गुना अधिक होता है।
Also Read: जाने किस कारण से कल्पना सोरेन ने कहा झारखंड को सबसे गरीब राज्य, देखे वीडियो
Also Read: आज एक साथ कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए शामिल