Ranchi News: झारखंड सरकार ग्रामीणों की बिजली बिल माफ करने पर कर रही विचार ‘जाने क्या है पूरा मामला’
Ranchi: CM चंपाई सोरेन ने कहा कि CNT धारा-49 की शर्तों का उल्लंघन हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप आदिवासी अपनी भूमि से बाहर हो रहे हैं। – इस खंड को अब संशोधित किया जाएगा। ग्रामीणों को बिजली मीटर मुफ्त देंगे और बकाया बिजली बिल को सकारात्मक रूप से देखेंगे। शनिवार को बजट सत्र के अंतिम दिन
उनका दावा था कि केंद्रीय BJP सरकार एक सोची-समझी साजिश के तहत आदिवासी और मूलवासी लोगों को उनकी भूमि से बाहर निकालने की साजिश में लगी है। इससे पहले वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करके वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वहां से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था।
फिर, 2023 के कोल बियरिंग एरिया (एक्वीजीशन एंड डेवलपमेंट) संशोधन बिल में इसे बदलने का प्रयास किया गया। इस संशोधन का उद्देश्य कोयला खनन के लिए अधिग्रहीत जमीन का उपयोग करने के बाद सरकार को वापस करने की शर्त को हटाना था। लेकिन पूर्व CM हेमंत सोरेन के विरोध के कारण यह संशोधन नहीं हुआ।
यदि ऐसा नहीं होता तो कोयलांचल से आदिवासियों-मूलवासियों को उनकी जमीन से बाहर निकाला जाता। लीज पर दी गई जमीन व्यक्ति की होती है। न सरकार का अधिकार रहता है और न रैयत का। जबकि कानून के अनुसार जमीन का उपयोग होने के बाद सरकार को वापस करना चाहिए।
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जाने क्या होता है CNT की धारा 49 में
CNT अधिनियम की धारा 46 और 49 आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री को नियंत्रित करते हैं। धारा 46 (A) के अनुसार, आदिवासी जमीन को उसी थाना क्षेत्र के किसी अन्य आदिवासी को देने का अधिकार है। साथ ही, CNT की धारा 49 (B) अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों को DC की अनुमति से जिले के भीतर अपनी जमीन देने की अनुमति देती है। धारा 49 के तहत आदिवासियों से गैर-आदिवासियों को भी जमीन दी जा सकती है। लेकिन शर्त है कि यह कृषि या उद्योग में हस्तांतरित होगा। लेकिन इस शर्त को तोड़ते हुए हस्तांतरित जमीन पर मॉल और घर बनाए जा रहे हैं।
अधिकारी करेंगे SPT एवं CNT के उल्लंघन की जांच
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि संथाल परगना और दक्षिणी और उत्तरी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्तों ने CNT-SPT एक्ट का उल्लंघन करने वाले जमीन के हस्तांतरण की 45 दिन के भीतर जांच शुरू करेंगे। 6 महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट करेंगे। JMM विधायक लोबिन हेंब्रम के निजी विधेयक में उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने यह घोषणा की। लोबिन ने कहा कि CNT-SPT कानून का उल्लंघन करके आदिवासियों की जमीन ली जा रही है।