Lohardaga News: ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा है दाखिल
Lohardaga: अब लोहरदगा जिले का जमीन रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध है। बावजूद इसके, नगर पर्षद क्षेत्र के रैयत अभी तक आनलाइन लगान रसीद नहीं बना पा रहे हैं। इसलिए वे बहुत मुसीबत में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रैयती जमीन मालिकों का ऑनलाइन रसीद भी बंद हो गया है।
शहरी निवासियों को अभी तक आनलाइन रसीद कटाने की सुविधा नहीं मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जो पहले से म्यूटेशन हुआ था, लेकिन उनका आनलाइन रिकॉर्ड नहीं था। इस तरह की शिकायतें अंचल कार्यालय में आम हैं।
लोहरदगा शहरी क्षेत्र के निवासियों को छोड़कर, जिनकी जमीन का रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध है, वे आसानी से अपने मोबाइल फोन से जमीन का लगान रसीद ले रहे हैं। लेकिन ऐसे रैयतों को आनलाइन रसीद कटाने का फायदा नहीं मिल रहा है जिनकी जमीन की रिकॉर्डिंग खराब है।
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लंबे संघर्ष के बाद, किसी व्यक्ति का नाम गलत था जब वह ऑनलाइन हो गया। कम या ज्यादा रक्बा हो गया है। ऑनलाइन सर्वे में किसी और रैयत के नाम पर एक व्यक्ति की जमीन दर्ज की गई है। रैयत आज भी अंचल कार्यालय जाना पड़ता है।
सर्वे में गड़बड़ी वाले रैयत जिनकी जमीन का रसीद नहीं कट सकता अंचल कार्यालय उसमें सुधार करने के लिए खतियान और पंजी टू की कापी जमीन मालिकों से मांग रहा है। पर बहुत से रैयत बिना पंजी टू और खतियान की कापी के हैं। ऐसे लोग रसीद कटाने में व्यस्त हैं।
एनआईसी को रैयतों का डाटा बनाकर रांची भेजा गया है, जल्द ही निर्गत करने की प्रक्रिया शुरू होगी: सीओ लोहरदगा सदर अंचल अधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि 2018 के बाद शहरी क्षेत्र सहित कुटमू, हरमू, नदिया और निंगनी मौजा के कुछ इलाकों में रैयतों का आनलाइन लगान रसीद नहीं मिल पाया है।
2020 में ही रैयतों का डेटाबेस बनाया गया था और विभाग को भेजा गया था। 2022 में, एनआईसी, रांची को रिमाइंडर डेटा कुछ संशोधनों के साथ फिर से भेजा गया। इस पर लगातार काम हो रहा है। यह अगले चार से पांच महीने में हल होने की पूरी संभावना है।
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