Chatra News: 18 लाख रुपये की लागत से पार्क में बनाए गए झूले, दो महीने के अंदर ही टूटने लगे
Chatra: चतरा के शहीद विनय भारती पार्क में 18 लाख रुपये की लागत से झूले और खेलने कूदने की अन्य सुविधाएं लगाई गईं। सामग्री लगने के 2 महीने बाद से ही टूटने लगी है। लोगो कहते हैं कि पार्क में कम गुणवत्ता वाले सामान लगाकर पैसे बाँट लिए गए हैं।
चतरा जिला मुख्यालय के शहीद विनय भारती पार्क में बच्चों के मनोरंजन और सर्वांगीण विकास के लिए झूले लगाए गए थे, लेकिन वे एक साल में ही टूटने लग गए हैं। पार्क में एक साल पहले लगाए गए झूले और अन्य मनोरंजन के सामान टूटने लगे हैं, जिससे बच्चों को गिरने का भय हमेशा रहता है। कई बच्चे गिरकर घायल हो चुके हैं। पार्क में बैठने के लिए कुछ भी सुविधा नहीं हैं। झूला में बैठने वाला सीट भी टूट गया है।
दिसंबर 2022 में, जिला प्रशासन ने पार्क में झुले और अन्य मनोरंजन उपकरण लगभग 18 लाख रुपये की लागत से लगाए। सामग्री लगने के दो महीने बाद से ही टूटने लगी है। बताया जा रहा है कि समान बहुत कम गुणवत्ता वाले हैं। यही कारण है कि लगने के कुछ महीने बाद से ही ऐसा होने लगा है। सिक्कों की जगह रस्सी का उपयोग किया गया है, जो हर दिन टूट जाती है। ;लोग कहते हैं कि पार्क में कम गुणवत्ता वाले सामान लगाकर पैसे बाँट लिए गए हैं। विकास कार्यों में खराब गुणवत्ता सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
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बच्चे डर डर कर पार्क में खेलने है
शहीद विनय भारती पार्क में बच्चे जाने से डरते हैं। वे पार्क में खुलकर मनोरंजन भी नहीं कर सकते। अभिभावक और बच्चे दोनों दुखी हैं। नववर्ष पर पार्क में बच्चों ने मनोरंजन किया। जिसमें कई बच्चे झूला झुलने के दौरान सिकड़ टूटने से घायल हो गए। तीन वर्षीय बच्चे को चोट लगी। गिरने से उसके होठ फट गए। कई अन्य बच्चे भी गिर गए और घायल हो गए।
DSO ने क्या बोला
पार्क में मनोरंजन के सामान लगाए गए थे, खेलकूद पदाधिकारी तुषार राय ने बताया। समान लगाने के बाद चतरा नगर परिषद को हैंडओवर कर दिया गया था | पार्क की देखरेख सिर्फ नगर परिषद करती है। जिस कंपनी ने पार्क में सामान लगाया था, उसे कई झूलो का मरम्मत की गई थी ।
पार्क चलने वाले ने क्या बोला
पार्क संचालक कुणाल भारद्वाज ने कहा कि प्रशासन मेंटेनेंस का काम करता है और जो व्यवस्थाएं मिली हैं, उसे बेहतर ढंग से चलाने की कोशिश की जा रही है। कई झुले और मनोरंजन सामग्री की मरम्मत की गई है। बच्चे का पूरा ख्याल रखा जाता है, वह गिरकर घायल नहीं होता। जिला प्रशासन और समान लगाने वाली कंपनी को इसके बारे में कई बार बताया गया था, लेकिन इसका कोई ध्यान नहीं दिया गया था।
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