Lohardaga News: पर्यटनो ने नव वर्ष के जश्न में पर्यटक स्थलों को किया बदरंग
Lohardaga: लोहरदगा जिले के पर्यटन स्थलों में नववर्ष का उत्सव और पिकनिक का आयोजन हुआ। जिले के बाहर से भी पर्यटकों का आगमन
लोहरदगा जिले के पर्यटन स्थलों में नववर्ष का उत्सव और पिकनिक का आयोजन हुआ। पर्यटक जिले के बाहर से भी पर्यटन स्थलों पर पहुंचे। पिकनिक मनाई, झूमा-नाचा, खाया-पिया और अपने द्वारा छोड़े गए कचरे से सुंदर और आकर्षक प्रकृति की कलाकृति को बदरंग करते रहे। उसने कभी नहीं सोचा कि किसकी जिम्मेदारी है कि छोड़े जा रहे कचरा को साफ करें।
उन्होंने पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और उत्सव मनाने में अपना समय खर्च किया। पर्यटन स्थलों की सुंदरता बरकरार रहती अगर कुछ मिनट और खर्च किए जाते और उत्सव के बाद पैदा हुए कचरों को सही ढंग से हल किया जाता। ऐसे भी लोग पर्यटन स्थलों पर कचरा छोड़ कर चले गए। जो घरों में कठोर नियम बनाते हुए सफाई को प्राथमिकता देते हैं परंतु ऐसे नियम पर्यटन स्थलों में पहुंचते ही भूल जाते हैं।
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हिंदुस्तान अखबार के प्रतिनिधि ने मंगलवार को दूसरे दिन पिकनिक स्पाटों की जांच की तो पालीथिन, शराब की बोतल, थर्मोकोल प्लेट, प्लास्टिक गिलास और टूट पड़े कुत्तों की भीड़ को देखा। पर्यटक नव वर्ष के दूसरे दिन भी पर्यटन स्थलों पर पहुंचे। उन्हें जनवरी में फैलाये गए कचरे को लेकर पर्यटकों की नासमझी पर कोसते देखा गया।
सेन्हा प्रखण्ड का सुंदर भड़गांव नदी तट, जिले के प्रमुख पर्यटन स्थानों में से एक है मंगलवार को पर्यटकों द्वारा छोड़े गए कचरे ने नव वर्ष से पहले की प्राकृतिक सुंदरता से आकर्षित करने वाली इस नदी तट को घेर लिया। ऐसा कोई स्थान नहीं मिला। जहां पर्यटकों द्वारा छोड़ा गया कूड़ा न पड़ा हो।
पेशरार प्रखण्ड का लावापानी झरना, जिले के पर्यटन स्थलों में सिर मौर है पर्यटक, यहां मौजूद स्वयंसेवकों द्वारा जागरूक किये जाने के बावजूद, कचरा छोड़कर चले गए और उसके निस्तारण की कोशिश भी नहीं की।
झारखंड का सबसे बड़ा रेलवे पुल, सुमार कुडू प्रखण्ड का नामुदाग पुल संख्या 27 भी सैलानियों द्वारा छोड़े गए पत्तल, दोना, पालीथिन और बोतलों से भरा हुआ था। सैलानियों ने खाना बनाया, लेकिन पत्थर के चूल्हे और जलने के बाद बची लकड़ियां और राख तक छोड़ दीं।
सेन्हा प्रखण्ड का धरधरिया फाल, जो अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है यहां मंगलवार को हालात बदल गए। पर्यटकों द्वारा छोड़ा गया कचरा और धुआं पर्यटन स्थल को बदरंग बना रहा था।भंडरा प्रखण्ड में स्थित नंदिनी डैम की भी स्थिति ऐसी लगी। यहां भी पर्यटकों ने गंदगी फैला कर सुंदर स्थान को बदरंग करने का ही काम किया है।
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मामले में पर्यावरणविद प्रसेनजित मुखर्जी ने कहा कि पिकनिक स्पाट और पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में लोग नववर्ष का स्वागत करते हैं। लेकिन वे अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं और सुंदर, सुंदर, सुंदर वादियों को बदसूरत बनाकर वापस आते हैं।
नववर्ष के उत्सव के बाद, प्रकृति हर साल पर्यटकों द्वारा फेंक दिए गए कचरों को सफाई करती रहती है। जिला प्रशासन को पर्यटन स्थल को स्वच्छ रखने के लिए आम लोगों को जागरूक करना चाहिए।
पार्टी के बाद कचरा फैलाने के स्थान पर कचरे को ठिकाने लगाने की व्यवस्था करना भी आम लोगों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो पर्यटन स्थलों को एक दिन के उत्सव का नुकसान महीनों तक नहीं भुगतान करना पड़ेगा और पर्यावरण की सुंदरता भी बरकरार रहेगी।