West Singhbhum News: BJP जनजाति मोर्चा की झारखंड प्रदेश कार्य समिति की 2 दिवसीय बैठक शुरू हुई
जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय समाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की।
West Singhbhum News:शनिवार को चाईबासा में BJPअनुसूचित जनजाति मोर्चा की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। पार्टी के ध्वजारोहण और महापुरुषों के चित्र पर पुष्पार्पण के बाद बैठक की शुरुआत वंदे मातरम् गीत से हुई।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जनजातीय समाज का सम्मान बढ़ा दिया है। उनका कहना था कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति हैं क्योंकि वे जनजातीय समाज से आते हैं।
देश ने आबा बिरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करके देश के आदिवासी लोगों की वीरता और बलिदान को सम्मानित किया है।
उनका कहना था कि हर बार जब भाजपा की सरकार केंद्र में आती है, वह जनजातीय समुदाय के विकास की नीति बनाकर उन्हें अधिकार देती है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने क्षेत्र के आदिवासियों की लंबे समय से चली आ रही एक अलग झारखंड राज्य की मांग को पूरा किया और जनजातीय समाज के लिए एक अलग मंत्रालय भी केंद्र में बनाया।
उन्हें याद दिलाया कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज के उनके जैसे बेटे को कृषि मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पद देकर जनजातीय समाज पर विश्वास जताया है।
श्री मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उलीहातु यात्रा की याद दिलाते हुए कहा कि वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं कि उलीहातु पहुंचकर भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की जा रही है, श्री मुंडा ने बताया।
झारखंड में अब तक 91 एकलव्य विद्यालय बनाए गए हैं। यही नहीं, जनजातीय मंत्रीलय और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आदिवासी समाज की आनुवंशिक बीमारी सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है, जिससे जनजातीय समाज को बहुत फायदा होगा।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद समीर उरांव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर हेमंत सरकार के अपराधों को जनजाति समाज के बीच उजागर करना महत्वपूर्ण दायित्व है। पश्चिमी सिंहभूम में हेमंत सरकार के पद पर आते ही सात आदिवासी मारे गए।
इस सरकार में पहाड़िया जनजाति की बेटी की काट-काट कर हत्या, दारोगा रूपा तिर्की की संदिग्ध हालात में हत्या, रामेश्वर मुर्मू की हत्या जैसी कई और भी हत्याएं हुईं।