Chatra News: TTP के एरिया कमांडर सहित 2 उग्रवादी गिरफ्तार
Chatra News: चतरा पुलिस ने शानदार काम किया है। चतरा जिले में अब उग्रवादी कम होने लगे हैं। टीपीसी क्षेत्र कमांडर को चतरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। टीपीसी के एरिया कमांडर नीरज गंजू और उसके सहयोगी को आम्रपाली में कोयला लेकर आ रहे दो हाईवा गाड़ी में आगजनी करने और फायरिंग करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में भेजा है।
इस मामले में पिपरवार थाना में मामला संख्या 55/2023 दर्ज किया गया था, जिसमें आगे की कार्रवाई की जा रही थी। चतरा पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। चतरा पुलिस नक्सलियों को मार डालने के लिए लगातार अभियान चला रही है।
नक्सली हमला करने की योजना बना रहे थे
29 दिसंबर को, पिपरवार थाना क्षेत्र में दो हाईवा वाहनों में आगजनी की घटना के बाद, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली कि टीपीसी के उग्रवादी बेंती बरवा टोला जंगल में 8-10 की संख्या में इकट्ठा होकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। बाद में पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय केदार राम ने घटना की जांच करने और कार्रवाई करने के लिए एक अभियान दल बनाया।
खदेड़ लिया गया
अभियान दल ने बेंती बरवा के जंगल में एक छापामारी अभियान चलाया, जिसमें दो लोग भागते हुए दिखे, जिन्हें अभियान दल के सदस्यों ने पकड़ लिया।शेष उग्रवादी मौके से भाग निकले। पकड़े गए उग्रवादियों में टीपीसी का एरिया कमांडर
नीरज गंझू उर्फ जयमंगल पिता नारायण गंझू और धनेश्वर करमाली उर्फ ढेला उर्फ डीके पिता धथुर करमाली दोनों साकिन बेंती बरवा टोला, थाना पिपरवार, जिला चतरा था।
छापामारी अभियान दल में केदार राम अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी टंडवा, टंडवा थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक विजय सिंह, पिपरवार थाना प्रभारी गोविंद कुमार, सिमरिया थाना प्रभारी विवेक कुमार, पिपरवार थाना के अवर निरीक्षक रुपेश महतो, दिलीप कुमार बास्की और टिकवानंद भगत शामिल थे।
बरामद हुआ क्या
- देशी कार्बाइन
- 2. अमेरिका निर्मित 7.62 एमएम का एक पिस्टल
- 3. देशी 7.62 एमएम पिस्टल
- टीपीसी संगठन का २५ पर्चा 6
- . पांच चक्र जिंदा कारत
हिंसा त्यागें
पुलिस ने उग्रवादी नक्सलियों को अपील दी है कि वे उग्रवादी गतिविधियों में शामिल होने वाली हिंसा को छोड़कर सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना का लाभ ले। सरकार इसे अधिक आसान बना रहा है, जिसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 24 घंटे के अंदर खुली जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। अतः सभी नक्सलियों से अपील की जाती है कि वे हिंसा करने से बचकर सरकार की नीतियों का लाभ लेकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।