Garhwa: गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड में स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय राजी में एक से सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए कोई शौचालय नहीं है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को खुले में शौच करना पड़ता है। यहां पढ़ने वाली छात्राएं सबसे अधिक संघर्ष करती हैं। स्कूल के विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में शौचालय बनाया गया था, लेकिन कुछ दिनों से खराब हो गया है। जिसकी मरम्मत नहीं होती। इसलिए हम बार-बार शर्मिंदा होते हैं। इस संबंध में प्रिंसिपल मनोज कुमार से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राजी गांव के लोगों में से अमरेश पटेल, अमर प्रताप मेहता, बाबूलाल पटेल, देव कुमार यादव, अनिरुद्ध पासवान, विपिन मेहता, गिरवर पासवान, लालदेव मेहता और अन्य ने बताया कि हमारी बहन और बेटी स्कूल में खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। प्रिंसिपल की लापरवाही इसका कारण है। शिक्षा से लेकर स्कूल की हर व्यवस्था डमाडोल है, उन्होंने कहा। लगभग एक साल से मध्याहन भोजन में हरी सब्जी नहीं खाई जाती है। वहीं बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन भी नहीं मिलता है। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाया नहीं है। विद्यालय में बच्चों को एक या तीन घंटे पढ़ा कर छोड़ दिया जाता है।
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प्रिंसिपल मनोज कुमार ने बताया कि शौचालय स्कूल के भवन के निर्माण के समय से ही खराब है। अध्यक्ष और संयोजिका को चार महीने से मध्यान भोजन की जिम्मेदारी दी गई है। अब सब्जी महंगी होने के कारण नहीं दी जा रही है। स्कूल में अच्छी पढ़ाई के मुद्दे पर कहा कि सहयोगी शिक्षकों पर दबाव डालकर राजनीति करने लगते हैं।

जांच के बाद होगा कार्रवाई: सीईओ
इस संबंध में, जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार ने कहा कि पहले यह जांच है। विषय वस्तु की जांच अपने कनीय पदाधिकारियों से कराएंगे। यदि जांच में मामला सही पाया जाता है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
+2 स्कूल के शौचालय का उपयोग करने नहीं दिया जाता
राजी गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कक्षा एक से सातवीं तक पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता था। लेकिन उमवि राजी को दो वर्ष पहले प्लस टू उच्च विद्यालय में मर्ज कर दिया गया क्योंकि दोनों का यू डायस कोड एक था। दोनों स्कूलों का भवन एक दूसरे से सटा हुआ है। बताया जाता है कि विद्यालय भवन और शौचालय 2015 में विधायक मद से बनाया गया था, लेकिन टंकी और शौचालय अभी भी नहीं बनाए गए हैं।
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विकास मद की राशि स्कूल प्रबंधन समिति के खाता में दो बार आ चुकी है, लेकिन शौचालय का निर्माण कार्य नहीं पूरा हुआ। कक्षा एक से कक्षा सातवीं तक के विद्यार्थियों को प्लस टू स्कूल के साथ मर्ज होने के बाद प्लस टू स्कूल के शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता है। इन बच्चों को बताया गया है कि वे शौचालय को गंदा कर देंगे।
बता दें कि झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा शौचालय की मरम्मति और साफ-सफाई पर 10 प्रतिशत राशि खर्च की जानी चाहिए। बावजूद इसके, स्कूल के प्रिंसिपल ने शौचालय को दुरुस्त नहीं किया, जो उदासीनता और लापरवाही का प्रतीक है।