Hazaribagh

1 अरब की संपत्ति वाली जमीन के लिए लोग लगा रहे एड़ी चोटी का जोर – हजारीबाग सम्राट होटल

Hazaribagh: शुभम संदेश ने मटवारी के चर्चित सम्राट होटल मामले की जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। 9.45 एकड़ की जमीन, थाना नंबर 158, मौजा मटवारी, खाता नंबर 89, सदर अंचल क्षेत्र में गैरमजरूआ खास किस्म परती कदीम की प्रतिबंधित सूची में दर्ज है। 1.40 एकड़ की इस प्लाट की जमीन को प्रतिबंधित सूची से बाहर करने का आवेदन दिया गया है। सुलेखा डे ने आवेदन में दावा किया कि वे स्वतंत्रता से पहले से ही इस जमीन के मालिक हैं। 57 एकड़ प्रतिबंधित सूची में शामिल होने से पहले कुल 9.45 एकड़ जमीन बेची गई थी।

पड़ताल में यह भी पता चला कि वर्णित प्लॉट के हिस्से पहले बेचे गए थे। भूमि गैर मजरुआ खास होने के कारण प्रतिबंधित सूची में डाली गई है. इसलिए, वहां बसे लगभग 200 घर, कुछ बड़े अपार्टमेंट, कुछ मार्केट कॉम्प्लेक्स, बैंक और एक विश्वविद्यालय, जो प्लॉट पर है, को खरीदना, बेचना और लगाना मना है। दस वर्षों से, स्थानीय निवासी अपनी जमीन न तो बेच पा रहे हैं और न ही बैंक से संपत्ति पर लोन ले पा रहे हैं।

अंग्रेजों और आज के म्यांमार से भी जुड़ा है

युद्ध में पराजय के बाद अंग्रेजों ने सम्राट होटल में बर्मा के राजा को बंदी बनाकर कुछ दिनों के लिए कैद कर दिया था। उसी घटना ने इस क्षेत्र को सम्राट नामांकन भी दिया था। इस कहानी से लगता है कि यह प्लॉट सरकार के नियंत्रण में रहा होगा, जैसा कि सरकारी वकील ने अमिया डे के खिलाफ डीसी के समक्ष दिए अपने वक्तव्य में भी कहा है।

1 अरब की संपत्ति वाली जमीन के लिए लोग लगा रहे एड़ी चोटी का जोर 1
1 अरब की संपत्ति वाली जमीन के लिए लोग लगा रहे एड़ी चोटी का जोर - हजारीबाग सम्राट होटल 3

बिना वाद संख्या और तारीख के आदेश पत्र की मंजूरी पर उठ रहा प्रश्न

इस पूरे प्लॉट को प्रतिबंधित सूची से बाहर करने की कोशिश पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें जानकारों का दावा है कि यह पत्र अपूर्ण है। क्योंकि आदेश पत्र में वाद संख्या और हस्ताक्षर के नीचे तिथि दोनों होनी चाहिए, लेकिन ये दोनों साथ-साथ निर्गत पृष्ठ पर नहीं हैं यह भी अजीब है कि विभाग इसकी अभिप्रमाणित प्रति भी जारी कर रहा है। इसके आधार पर अब क्षेत्र पर दबाव डालकर लगान रसीद प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है।

मामला न्यायालय में पहुंच सकता है

मतवारी क्षेत्र सबसे व्यस्त क्षेत्र में आता है। वर्णित प्लाट का मूल्य लगभग 35 करोड़ रुपये है, अगर इसे सर्किल रेट से अनुमानित किया जाए। वहीं इसका बाजार मूल्य लगभग सौ करोड़ है। यही कारण है कि एडी चोटी ने इसे प्रतिबंधित सूची से बाहर निकालने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को एकजुट कर लिया है। राजेश मिश्रा, एक आरटीआई कार्यकर्ता, अब इस पूरे मामले को न्यायालय में ले जाने का फैसला कर चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button